मैं साँस भरने से घबराता हूँ, जब मुट्ठी भर आतंकी के हाथों से, मैं खून से नहाता हूं। मैं साँस भरने से घबराता हूँ, जब मुट्ठी भर आतंकी के हाथों से, मैं खून से नह...
जिन्दगी को एक नई दिशा देना होगा तब अपनी भविष्य मे सुन्हरा पल आएगा। जिन्दगी को एक नई दिशा देना होगा तब अपनी भविष्य मे सुन्हरा पल आएगा।
ताज के आम हीरो ' (Based on the events of 26/11) ताज के आम हीरो ' (Based on the events of 26/11)
रगों में उबाल मारता लहू था, "इंकलाब" की आग साथ थी। रगों में उबाल मारता लहू था, "इंकलाब" की आग साथ थी।
सिवा तेरे अब 'ज़ोया' को न कोई और भाता है। सिवा तेरे अब 'ज़ोया' को न कोई और भाता है।
देख दिसम्बर बूढ़ा होकर गिनता अपनी रातें हैं। देख दिसम्बर बूढ़ा होकर गिनता अपनी रातें हैं।